।। ऐसी पोती सबको दे।।
दादी को नित्य सैर कराती।
हाथ पकड़ कर हाथ में।।
छुट्टी में सारा सारा दिन।
रहती दादी के साथ में
दादी को मैं नहादेती हूं।।
गरम पानी के साथ से।
बालों में कंघा कर लेती ।।
तब दादी अपनेहाथ से।।
सर्दी के दिनों में धूप में मैं।
बैठूं दादी के साथ में।।
तेल का मालिश करती हूं।
दादी के पांव, हाथ में।।
यहां वहां कि मैं बातें ।
करती दादी के साथ में।।
जोर-जोर से तब दादी ।
हंसती है मेरे बात पे।।
Thanks for reading📝
Ashok Kumar ✍
दादी को नित्य सैर कराती।
हाथ पकड़ कर हाथ में।।
छुट्टी में सारा सारा दिन।
रहती दादी के साथ में
दादी को मैं नहादेती हूं।।
गरम पानी के साथ से।
बालों में कंघा कर लेती ।।
तब दादी अपनेहाथ से।।
सर्दी के दिनों में धूप में मैं।
बैठूं दादी के साथ में।।
तेल का मालिश करती हूं।
दादी के पांव, हाथ में।।
यहां वहां कि मैं बातें ।
करती दादी के साथ में।।
जोर-जोर से तब दादी ।
हंसती है मेरे बात पे।।
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Ashok Kumar ✍
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