।। आओ-आओ तितली रानी ।।
एक बात तुम्हे बतलाती हूँ ।
मैं भी तेरे साथ -साथ
,
सारा दिन उड़ना चाहती
हूँ ।
सुबह-सुबह स्कूल जाती हूँ ,
शाम को वापस आती हूँ।
कहना नहीं किसीसे तुम ,
मैं नहीं पढ़ना चाहती हूँ।
तेरी सहेली बनके मैं ,
कहना नहीं किसीसे तुम ,
मैं नहीं पढ़ना चाहती हूँ।
तेरी सहेली बनके मैं ,
तेरे साथ में रहना चाहती हूँ ,
मैं
भी तेरे साथ - साथ ,
फूलों पर उड़ना चाहती हूँ ।
Thanks for
reading 📝
Ashok Kumar ✍
हमारी और भी कविताएं हैं पढ़ें ।
कोरोना, दादी माँ, माँ ,चिडैयाँ,
तितली , देश भक्ति,पर्यावरण,
दादाजी, विद्यार्थी, जल,हास्य व्यंग
पेड़, मानसून,गौरैया।
कोरोना, दादी माँ, माँ ,चिडैयाँ,
तितली , देश भक्ति,पर्यावरण,
दादाजी, विद्यार्थी, जल,हास्य व्यंग
पेड़, मानसून,गौरैया।
No comments:
Post a Comment