Breaking

Tuesday, March 17, 2020

।। आओ खेलें उल्लू के साथ में ।।

।। आओ खेलें उल्लू के साथ में ।।










  आओ आओ खेले खेल।
  हम सब उल्लू के साथ में।।
  मुश्किल से पहली बारआया ।
  आज उल्लू हमारे हाथ में।।

        इसे दिनमें दिखाई नहीं देता।
        चाहे खड़ाहो कोई पास में।।
       आओ आंख मिचोली खेले।
       हम सब इसके साथ में ।।

  यह दिन में सोया होता है ।
  जब हम सोते हैं रात में ।।
  जब हम जागते हैं दिन में
  तो ये जागता है रात में ।।

       सांप छछूंदर सब खा जाए।
       आए जो इसके हाथ में ।।
       दिनभर भूखा रहता है ये।
       कस के खाता है रात में।।
      Thanks for reading 📝
                   Ashok Kumar ✍

      हमारी और भी कविताएं हैं पढ़ें ।
      कोरोनादादी माँ, माँ ,चिडैयाँ, 
      तितली , देश भक्ति,पर्यावरण,
      दादाजी, विद्यार्थी, जल,हास्य व्यंग

      पेड़, मानसून,गौरैया।  

No comments:

Post a Comment