नोट बंदी चल रहा था ।
मैं बाजार मे दुकान के आगे खड़ा था।।
एक भिखारी आया ।।
मेरे आगे हाथ फैलाया ।।
मैं अपनी जेब में हाथ डाला ।
लाल सा नोट निकाला ।।
नोटबंदी के खुशी में बिना देखे।
दो हजार का नोट भिखरी को दे डाला ।।
बाद में मुझे पता चला मैंने ये क्या किया ।
भिखारी को दो हजार का नया नोट दे दिया ।।
मैं भिखरी से माँगने लगा ।
भिखरी मेरे से झगड़ने लगा ।।
मैनें कहा झोली से निकाल कर देखो ।
वो दो हजार का नया नोट है दे दो ।।
मुझे तो इन्तेजार यही था ।
वो नोट वापस देने को तैयार नहीं था ।।
मैंने कहा ये पिंक है ।
वो नोट लाल है ।।
भिखारी बोला ये भी लाल है वो भी लाल है ।
बाबू जी ये तो भीख वापस लेने का चाल है ।।
दो हजार वापस लेने का आस टल गया ।
बात काफी बढ़ गया ।।
सच मे मैं रो गया ।
भिखरी का किस्मत जाग मेरा सो गया ।।
भिखरी का ध्यान मेरे पे आने लगा ।
मेरे उपर तरस खाने लगा ।।
भिखरी ने दायाँ हाथ से ।
वायाँ हाथ में पकड़ा ।।
डिब्बा भीख मागनें वाला ।।
और अपना दायाँ हाथ ।
अपने जेब मे डाला ।।
भिखारी दो हजार का नोट निकाला ।
मेरे हाथ की मुठ्ठी में देे डाल ।।.
भिखारी बोला बाबू जी ।
सभी लोग इधर ताक रहा है ।।
लोग बोलेगा देखो देखो ।
भिखारी से भीख माँग रहा है ।।
मैंने मुठ्ठी से अपने जेब में डाल लिया ।
और मैं अपने घर चल दिया ।।
घर जाके देखा तो वो पुरान नोट था ।
भिखारी ने मुझे ठग लिया ।।
भिखारी नेअपना पुराना नोट ।
मेरे नए नोट से बदल लिया ।।
नए नोट से बदललिया
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Ashok
Kumar
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