नन्ही गौरैेया आ जाओ ।

bird








      



।।  गौरैया चिड़याँ।।



 नन्ही गौरैेया जाओ 

 मेरे घर में रहने  को ।।
 खाने चावल का  दाना
 दूँगी पानी पीने को  ।।
      
       तुम्हें नहीं मालूम गौरैया 
       मैंने क्यों तम्हें बुलाया है  ।।
       तेरे लिए अपने आँगन में 
       मैंने एक पेड़ लगाया है  ।।

 
तुम ले लेना कुछ दाना
 हम भी खाने को ले लेंगे ।।
 तुम  फुदकना डाली-डाली
 हम दीवार पे चढ़कर खेलेंगे।।
       
       तुम सुबह जगाना मुझको 
       हम तुम्हें आवाज लगाएगे।।
       एक ही टब में घुसके।
       हम दोनों रोज नहाएगे ।।

   गौरेया दिवस को समर्पित
    Thanks for r.eading     📝     
                              Ashok  Kumar

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