आओ हम वर्षा जल बचाएँ ।

आओ हम वर्षा जल बचाएँ ।
उस दिन के लिए ।।
जब सूरज जलेगा घरती तपेगी ।
कुछ दिन के लिए ।।
सबको चाहिए पानी ।
यहाँ जीने के लिए ।।
पशु पक्षी भी आएगे ।
पानी पीने के लिए ।।
आओ हम वर्षा जल बचाए ।
उस दिन के लिए ।।
जब सूरज जलेगा धरती तपेगी ।
कुछ दिन केलिए ।।
रखेगे साफ सुथरा पानी ।
घर भी हम लाएगे
कभी-कभी जके वहाँ ।
हम भी नहाएगे ।।
वीरान बंजर भूमि अभी ।
दिखता है खाली-खाली ।।
पानी से आजाएगी ।
आस पास भी हरियाली ।।
बत्तख का जोरा जब ।
पानी के उपर तैरेगे ।।
उसे देखने को बच्चा ।
घर -घर से दौरेगे ।।
न धोए उसमे वर्तन ।
न उसमे कपड़ा साफ करे ।।
अगर दिखे पानी में कचरा ।
उसे उठाकर साफ करें ।।
आओ हम वर्षा जल बचाए ।
उस दिन के लिए ।।
जब सूरज जलेगा धरती तपेगी ।
कुछ दिन के लिए ।।
कुछ दिन के लिए ।।
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Ashok Kumar
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