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Saturday, June 30, 2018

हास्य व्यंग ।। डॉक्टर है दाँत का या ।।

   













हास्य व्यंग्य
 ।।  डॉक्टर है दाँत के  या ।।

चिकित्सा दिवस पे।।
चिकित्सा जगत से ।।

उस घटना को मैं सोच रहा हूँ।।
वही मैं आपको परोस रहा  हूँ ।।

एक बार मेरे दाँत में  दर्द हुआ
मैं डॉक्टर के पास गया 
डॉक्टर को बताया ।।
                     

मेरे   तरफ देखते  हुए
डॉक्टर बोला दाँत खाया है

आने में बहुत देर लगाया है  ।।
खाता तो मैं हूँ डॉक्टर साहब
आप ये कैसा बात बता गया ।।
मेरा मुँह  तो मेरे मरजी से खुलता है
फिर मेरे मुँह  में घुस के
मेरा दाँत कौन खा गया ।।

       
डॉक्टर बोला कीड़ा-कीड़ा
       जो मुँह  में जन्म  लेता है ।।
      मुँह मुँ में बड़ा होता है ।।
       मुँह में खाता है ।।
       मुँह में पीता है ।।
       मुँह में सोता है ।।
       मुँह में ही रहता है ।।

      मैंने कहा और शौचालय
     डॉक्टर बोला

 
वो भी मुँह में करता है ।।
मैंने डॉक्टर से कहा
ना जाने कहाँ - कहाँ ।।
सौचालय कर रहा होगा  ।।
मुँह में गंदगी बढ़ रहा होगा ।।
मेरा दाँत जल्दी निकाल दीजिए ।।

       डॉक्टर  ने कुर्सी पर बैठाया
       मेरा मुँह खोलवाया  ।।
       मुँह में इंजैक्शन लगाया
 डॉक्टर पाँच मिनट बाद बोला
मुँह खोलो
मैंने मुँह खोला
बोला और खोलो।
मैंने और खाेला ।।
बोला थोड़ा और खोले
मैंने थोड़ा और खोला ।।
डॉक्टर बोला थोड़ा और खोलो
मुझे गुस्सा गया ।।

.      मैंने डॉक्टर से बोला
      मेरा मुँह है या कमरा का दरवाजा
     थोड़ा और खोलो ,थोड़ा और खोलो।।
     आप मेरेमुँह से दाँत निकाल रहे हैं
     या कमरे से समान निकाल रहे है ।।

डॉक्टर बोला
औजर को तो ठीक से घुसाना है
मैंने कहा
आप मेरे मुँह को खोलवा रहे थे ऐसे ।।       
जैसे मुँहमें बुलडोजर घुसाना है ।।
मैंने दाँत नही तोड़ वाना है
मुँह में बुलडोजर  घुसाना  
बुलडोजर नहीं घुसाना है ।।

   
चिकित्सा दिवस को समर्पित
     Thanks for reading    📝
                            Ashok kumar


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