हास्य व्यंग्य ।।डॉक्टरों का आतंक ।।

   
      












हास्य व्यंग्य
   ।।डॉक्टरों का आतंक   ।।

शहर में डाक्टरों का
आतंक बढ़ गया है  ।।
उसके लापरवाही से
कितने रोगी मर गया है ।।

     
डॉक्टर एक रोगी को
     दो हिंस्सों में बाँट देता है ।।
     काटना था बाँया पैर
     तो दाँया काट देता है

ये घटना तो।।
आए दिन घट रहा है ।।
तभी तो शहर में
माँगनें वाला बढ़ रहा है ।।

     
कुछ दिन पहले की बात है
     मेरे दोस्त को चोट लग गया ।।
     उसका एक उँगली कट गया
     मैं डाक्टर के पास ले गया ।।
इन्हें भी पढ़िये :- 
डाक्टर देखा और पट्टी किया।
इन्जैकशन  दवाई लिख दिया ।।
बोला ये इन्जैकशन लगाना है।
चार दिन ये टैबलेट खिलाना है ।।

     
मैंने वैसा ही किया
     मेरा दोस्त चलकर गया था
     लाद कर लाया  ।।
     डाक्टर के अनुसार 
     दो दिन दवाई खिलाया ।।

तीसरे दिन मेरा दोस्त का
बुरा हाल हो गया  ।।
और  चौथे दिन
चार कंधे पर सवार हो गया ।।

चौथे दिन
चार कंधे पर सवार हो गया ।।
डॉक्टर दिवस को समर्पित

 Thanks for reading   📝
                        Ashok kumar   

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