मॉनसून आया हरबर में ।।
बादल छाया पल भर में ।।
बारिश हुआ झमा झम ।
पानी घुस गया घर-घर में ।।
पानी के ऊपर चारपाई ।
मेढक उसपर बोल रहा है ।।
खाना छ्त पर बनता है ।
रसोई में बर्तन तैर रहा है ।।
डूबते -डूबते बचा पर ।
हाथ पैर मारना सिख लिया ।।
इस साल अपने आंगन में ।
मैंने तैरना सीख लिया ।।
मॉनसून आया हरबर में ।
बादल छाया पल भर में ।।
बारिश हुआ झमा झम ।
पानी घुस गया घर घर में ।।
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Ashok Kumar
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