कविता।। चिड़िया कुछ देर तुम ।।












  चिड़िया-चिड़िया कुछ देर तुम,
    आओ  बैठो  मेरे  पास  में
    दिल  करता है  मैं भी तेरे संग,
    उड़ती  फिरूँ  आकाश  में
       
       लेकिन क्या करूँ मैं तेरे जैसी,
       है पर नही  मेरे  पास  में
       सारा दिन मेरा निकल जाता है,
       देखो बस यही तलास में

   
तेरे जैसी पर जिस दिन,
    जब  होगा  मेरे  पास  में।
    फिर  मैं  भी  तेरे  संग  में,
    उड़ाती करुँगी आकाश में।
   Thanks for reading 📝
                Ashok kumar

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