माँ मुझे बड़ा नहीं होना है
मुझे छोटा ही रहने दो ।।
सुन कर तेरी मिठी लोहरी ।
मुझे अपने गोद में सोने दो ।।
रोज सुवह-सुवह तू उठके ।
मुझे आवाज लगाती हो ।।
मैं छुपता हूँ इधर -उधर ।
मुझे पकड़ के तुम नहाती हो ।
माँ मुझे बड़ा नहीं होना ।
मुझे छोटा ही रहने दो ।।
सुन कर तेरी मिठी लोहरी ।
मुझे अपने गोद में सोने दो ।।
बड़ा होके बस्तू के लिए ।
अपनो से लड़ना झगरना ।।
मुझे अच्छा लगता है माँ ।
तेर गोद में चड़ना उतड़ना ।।
माँ मुझे बड़ा नहीं होना ।
मुझे छोटा ही रहने दो ।।
सुन कर तेरी मिठी लोहरी ।
मुझे अपने गोद में सोने दो ।।
अच्छा लगता है माँ तुमसे ।
जिद्द कर के रोने का ।।
आता है मजा तेरे कंधे पर ।
सर रख कर सोने का ।।
माँ मुझे बड़ा नहीं होना ।
मुझे छोटा ही रहने दो ।।
तेरी सुन कर मिठी लोहरी ।
मुझे अपने गोद में सोने दो ।।
खेलू कुदूं तेरे आस-पास ।
मैं तो नही थक पाता हूँ ।।
कहीं जाना हो तो मैं तरे ।
गोद में चड़ के जाता हुँ ।।
माँ मुझे बड़ा नहीं होना ।
मुझे छोटा ही रहने दो ।।
सुन कर तेरी मिठी लोहरी ।
मुझे अपने गोद में सोने दो ।।
गाल खिचके कान पकड़ के ।
अगर मुझे कोई रुलाती है ।।
वहला फुस्ला के गोद उठाके ।
तु मुझे चुप कराती है ।।
माँ मुझे बड़ा नहीं होना ।
मुझे छोटा ही रहने दो ।।
सुन कर तेरी मिठीलोहरी ।
मुझे अपने गोद में सोने दो ।।.
मुझे अपने गोद में सोने दो ।।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar✍
Only mother can do
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