कविता ।। चिड़िया आई घबराई ।।

चिड़िया बहुत दिनों के,
बाद मेरे घर
आई हो।
मुँह में दना ताे ठीक है,
पर इतनी क्यों घबराई हो।
क्या अपने बच्चों के लिए ,
ये दाना खेत से लाई हो।
देख के कौवा पीछे परा है,
तुम इसी लिए घबराई हो ।
क्या तुम मेरे घर अपनी ,
जान बचाने आई
हो ।
मैं सोचा शायद मेरे घर,
तुम रहने को
आई हो।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar ✍
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