।। प्लास्टिक के थैले।।
अब न कभी हम उपयोग ।
कैसे कैसे जहर लिए ।
लोगों में बढ रहा निरंतर ।
अब न कभी हम उपयोग ।
अगर अभी न बंद हुआ ।
अब न कभी हम उपयोग ।
करे प्लास्टिक के थैले
।।
दूषित हो गई है नदियाँ ।
भर गए शहर
के नाले ।।
बहता नाला
भर जाता है ।
पशु खा के मर जाता
है ।।
आए दिन
ये समाचार ।
टीवी अखबार
में आता है ।।
कैसे कैसे जहर लिए ।
बह रही नदी
का पानी ।।
जो नीला दिखता
था कभी ।
अब दिखता है काली-काली
।।
लोगों में बढ रहा निरंतर ।
रोगों का प्रकोप है ।।
बूँद -बूँद
में जहर लिए ।
ये तो रोगों का थोक
है ।।
अब न कभी हम उपयोग ।
करे प्लास्टिक के थैले
।।
दूषित हो गई है नदियाँ ।
भर गए शहर
के नाले ।।
अगर अभी न बंद हुआ ।
और हुआ
अगर कुछ देर में
।।
वो दिन
दूर नहीं जब हम ।
होंगे कचरे
के ढेर पे ।।
हम होगें
कचरे के ढेर पे
।।
Thanks for reading 📝.
Ashok Kumar
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