।। अगर
हमें भी पर होते ।।
अगर
हमें भी पर होते,
हमें भी सब तितली कहते
।
कांधे पर स्कूल बैग
लिए,
हम हवा में उड़ रहे
होते ।
छोटी उम्र किताब का बोझ,
चलने से मजबूर हैं ।
उड़कर हम स्कूल जाते,
स्कूल भी अपना दूर है ।
सड़क
पर न चल होता,
धूप में ना चलना होता
।
बारिश के मौसम में
भी,
न गिला कपड़ा होता ।
फिर कहीं आने जाने की न,
चिंता हमें सताते ।
मौसम कोई होता हर मौसम में,
मजे से स्कूल जाते।
Thanks for reading 📝
Ashok
Kumar ✍
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