।।
कहां गई थी छोटी चिरैयाँ ।।
कहां
गई थी छोटी चिड़याँ
अब घोसले में आई हो।
भुखसे रोए तेरे बच्चे ,
उसके लिए कुछ लाई हो
।
अभी तेरे बच्चे हैं छोटे,
ना ऐसे छोड़ कर जाया करो ।
जाना भी परे खाना लाने तो ,
जल्दी वापस आ जाया करो।
तुम्हें
न पाकर तेरे बच्चे,
रोएगा शोर मचाए गा।
ऐसे में घबरा कर बच्चे,
घोंसले से गिर जाएगा
।
बस कुछ दिन के बाद इसे,
अपने साथ ले जाऊंगी ।
कल से ही सब बच्चों को,
मैं साथ में उड़ना सिखाऊंगी ।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar✍
यह पोस्ट यही पर खत्म होता है. यह कविता
आपको कैसी लगी हमको कमेंट करके जरुर
बताए और इस आर्टिकल को सोशल मीडिया
पर शेयर करना और फॉलो ना भूले 🙂
अपना बहमूल्य समय देने के धन्यवाद।
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