।। सब से अच्छा घर बना अपना ।।
वो है तो मेरा मौसी।
बड़ी बड़ी आंखों से कैसे,
देख रही है पड़ोसी
।
खुद तो सारा दिन रहती
है,
दूसरे
चिड़ियों के बात पे ।
डाली
डाली उड़ती रहती है,
कई
चिड़ियों के साथ में ।
दूसरों का अच्छा देखकर,
खुशी कहां किसी को होती है
जहां भी देखो पड़ोसी को,
जलने की आदत होती है।
इन्हें भी पढ़िये :-
हमने मेहनत इतना किया कि,
पड़ोसी
को खोल गया।
उड़
उड़ के हजारों तिनका लाया,
ऐसे
तो नहीं घर बन गया।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar✍
यह पोस्ट यही पर खत्म होता है. यह कविता
आपको कैसी लगी हमको कमेंट करके जरुर
बताए और इस आर्टिकल को सोशल मीडिया
पर शेयर करना ना भूले 🙂
अपना बहमूल्य समय देने के धन्यवाद।
No comments:
Post a Comment