।। चलो चले लोहरी मांगे ।।


।। चलो चले लोहरी मांगे ।।


people celebrating lohri








आया लोहरी गली गली,
भागे  बच्चों  की  टोली।
हाथ में एक तख्ती लेकर,
घर-घर मांगे सब लोहरी।
   
       एक उठाया है तख्ती,
       एक के हाथ में झोली।
       एक बोले लाची जामुना,
       हो, हो ,बोले सब टोली।

देख के इन बच्चों को,
हम  हो  गए  शर्मिंदा।
इन  बच्चों ने  रखा है,
परंपरा संस्कृति जिंदा।

      पहले  घर-घर  गली  गली,
      लोहरी  मांगते  मिलता था।
      ढन ढना ढन ढोल सारा दिन,
      हमें  सुनने  को  मिलता था।

 बचपन में जलाकर लोहरी ,
 मूंगफली  रेवड़ी  खाते  थे।
 कैसे शुरुआत हुआ लोहड़ी का,
 दादा जी  कथा  सुनाते  थे।
 दादा जी  कथा  सुनाते  थे ।

Thanks for reading 📝
             Ashok Kumar

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