।।
चुनाव प्रचार ,या गाली प्रहार ।।
क्रोध
से जले काले होठ,
मुख में गाली मांगे
वोट।
पी एम पर जुबान से कीचड़ फेंक रहा है,
हर पार्टी से एक पी एम का सपना देख रहा है।
मिला दिया अपनी ही
शोहरत,
हिंसा गुंडागर्दी के
राख में।
बाड़ी बाड़ी से सब अपना,
अपना पी एम बनाएंगे ।
दो दो महीना सारे ही,
देश को लूट के खाएंगे।
किसको पी एम बनाये,
यह है जनता के हाथ में।
उड़ रहा है सभी दलों
का ,
झंडा मोदी आंधी
में।
कांग्रेस अपना पीएम को,
खोज रहा है युवा गांधी में।
सभी दलों के चेहरे
पर,
चुनाव प्रचार का थकावट
है।
शायद यही थकावट ही,
मोदी के आने की आहट है।
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Ashok kumar✍
यह पोस्ट यही पर खत्म होता है. यह कविता
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