।।बूंद का तरस
।।
मानसून आने में देर ।
सभी को है पानी की तरस,
नींबू पानी गन्ने का रस,
कुल्फी आइसक्रीम का ठेला,
जहां भी देखो वही पर मेला।
तपता माथा जलता पाऊं,
सहारे ढूंढे ठंडी छांव ।
ठेला पर खट्टा पानी कोई ,
गोलगप्पा खा रहा है।
कोई पकड़ा आइसक्रीम,
चाटता ता जा रहा है।
कोई ठंडा पानी डालता,
अपने सर के बाल पर ।
कोई आइसक्रीम पकड़ के
रगरे अपने गाल पर ।
कोई छतरी में ही रहना,
खुद को पसंद किया है।
कोई मुंह पर कपड़ा बांध कर
नाक मुंह बंद किया है
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for reading 📝
Ashok Kumar✍
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