।।शीला जी, अब जब नहीं रहे।।
जिंदा में विरोध,
मरने के बाद शोध
शीला जी जब जीवित थी,
कई लोग उनका विरोध करते थे।
इस तरह
दिल्ली में विकास नहीं हो रहा है.
दिल्ली विकास पथ से भटक गया।
दिल्ली में लोगों को पानी नहीं मिल रहा,
दिल्ली में लोगों को बिजली नहीं मिल रहा।
दिल्ली में हर तरफ भ्रष्टाचार बढ़ गया है,
दिल्ली मुख्यमंत्री से संभल नहीं रही है,
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को,
अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
और अब जब शीला जी नहीं रही,
तो वही लोग कह रहे हैं,
कि दिल्ली के चौमुखी विकास के लिए,
शीला जी को हमेशा याद किया जाता रहेगा।
है ना
जिंदा में विरोध,
मरने के बाद शोध।
जिंदा में पद से हटाना,
मरने के बाद दिल में बिठाना।
जिंदा में सर से उतारना,
मरने के बाद कंधे पर उठाना।
जिंदा में ठोकर से गिराना,
मरने के बाद उस पर फूल गिराना।
जिंदा में धरने पर बैठ जाते हैं,
और मरने के बाद दर्शन कोआते हैं।
जिंदा में धरना विरोध प्रदर्शन,
और मरने के बाद अंतिम दर्शन।
जिंदा में लोग जिसका विरोध यात्रा करते हैं,
मरने के बाद उनका शव यात्रा करते।
लोगों ने शीला जी को घर पर देखा,
पर मैंने जैसा शीला जी को टीवी पर देखा,
शीला जी सच में आप बहुत अच्छी थी,
बहुत अच्छा आपका शासन काल रहा।
मृत्यु का खबर सुना
जब से,
तब से मेरा आंख भर आ रहा।
शीला जी आप बहुत याद आएगी,
जब भी आपकी चर्चा होगी,
निंदा नहीं प्रशंसा होगी।
निंदा नहीं प्रशंसा
होगी।
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Ashok Kumar ✍
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