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Wednesday, March 11, 2020

।। मुझे याद है दादी जब।।

।। मुझे याद है दादी जब।।












मुझे याद है दादी जब ।
मुझसे मिलने आई थी।।
गले लगाकर कितना रोई ।
मुझे भी खुब रुलाई थी।।

     बार-बार मुझे देखती ।
     और गले लगाती थी।।
     आंसू पूछती घड़ी घड़ी।
     और चश्मा हटाती थी।।

डंडे पकड़ के चल चल के ।
मोटी गांठ हथेली में आई थी।।
दादी का हाथ पकड़ कर।
अपने गाल लगाकर रोई थी।।

     वो काँपती खाली हथेली।
     कितनी दुर्बल कलाई थी।।
     मेरे लिए कुछ भी ना ला सकी। 
     वृद्धा आश्रम से आई थी।।
      Thanks for reading📝
                   Ashko Kumar ✍
     
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