।। भारत से भाग रहा कोरोना।।

।। भारत से भाग रहा कोरोना।।










 
अब डरने की कोई बात नहीं,
  कोरोना के क्रूर शरारत से ।।
  सुना है कोरोना बोरिया बिस्तर,
  गोल कर रहा है भारत से।।
       सुख रहा गला कोरोना का,
       सब के होठों पर पपड़ी है।।
       चार दिन के लॉकडॉन में ,
       कोरोना में अफरा-तफरी है।।
  आज नहीं तो कल कोरोना,
  कहीं पर घेरा जाएगा ।।
  एक ना एक दिन भारत से,  
  कोरोना को खदेरा जाएगा।।
        पहले भी कई वायरस आए,
        हमने सबको मारा है।।
        ज्ञान विज्ञान इंसान के आगे,
        सारे ही वायरस हरा है।।
   
     और भी बहुत सारे कविताएं है 
     उसे भी पड़े हैं
       Thanks for reading📄
                     Ashok kumar✍
    

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