।। मैं दादी की प्यारी पोती ।।
मैं दादी की प्यारी पोती।।
मेरे लिए दादी कितना रोती।।
जब दादी मिलने को आती।
कुछ ना कुछ खाने को लाती।।
अपने हिस्से का भी चीजें।
छुपा छुपा कर हमको देती।।
मैं नहीं जब कभी घर में होती।
मेरे लिए दादी उदास रहती ।।
मेरी मम्मी से पूछती रहती ।
कहां गई मेरी जिज्ञासा पोती।।
मुझे ढूंढती इधर उधर रहती।
आंखों में आंसू भरी रहती ।।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar ✍
मैं दादी की प्यारी पोती।।
मेरे लिए दादी कितना रोती।।
जब दादी मिलने को आती।
कुछ ना कुछ खाने को लाती।।
अपने हिस्से का भी चीजें।
छुपा छुपा कर हमको देती।।
मैं नहीं जब कभी घर में होती।
मेरे लिए दादी उदास रहती ।।
मेरी मम्मी से पूछती रहती ।
कहां गई मेरी जिज्ञासा पोती।।
मुझे ढूंढती इधर उधर रहती।
आंखों में आंसू भरी रहती ।।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar ✍
No comments:
Post a Comment