Breaking

Wednesday, April 1, 2020

।।मैं पापा से नहीं डरती।।

।।मैं पापा से नहीं डरती।।












 









  मैं पापा से नहीं डरती,
   मैं मम्मी से डरती हूं।।
   मम्मी घर में नहीं होती,


   बड़ी शरारत करती हूं।।
         हां मम्मी से कभी कभी,
         किसी बात पर लड़ती हूँ।।
         खाने को मिले ना चीजी तो,
         पापा से खूब झगरती हूं।।
   स्कूल का ना बात करो,
   अपने टीचर से डरती हूं।।
   स्कूल का काम कर लेती,
   मैं मन लगाकर पढ़ती हूं।।
         मैं पापा से नहीं डरती,
         मैं मम्मी से डरती हूं।।
         मम्मी घर में नहीं होती,
         बड़ी शरारत करती हूं।।
         बड़ी शरारत करती हूं।।
        Thanks for reading📄
                      Ashok Kumar ✍

     हमारी और भी कविताएं हैं पढ़ें ।
      कोरोनादादी माँ, माँ ,चिडैयाँ, 
      तितली , देश भक्ति,पर्यावरण,
      दादाजी, विद्यार्थी, जल,हास्य व्यंग
      पेड़, मानसून,गौरैया



No comments:

Post a Comment