।। इंसान अजब तेरा प्रयास रहा
है।।
वाह रे धरती का इन्सान ,
अजब तेरा
प्रयास रहा है।
धरती का
हरियाली मिटा के,
मंगल
,चाँद पर पानी तलास रहा है।
मंगल ,शुक्र ,शनि पर देखा ,
और टटोला टाइटन को।
ये सच्ची सच्ची बात लिखा है,
मत कोसना राइटर को।
मंगल पर ऐसा निशान मिला है,
देख
कर लगता है कभी पानी बहा है।
अरे
दूषित मानव,
धरती
पर सागर का रक्षा न कर सका,
और मंगल
पर ढूंढने पानी चला है।
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धरती पर
सीमा विवाद खत्म नहीं हुआ,
मंगल और चांद पर विवाद शुरू हो गया।
वहां भी मून अमेरिका होगा,
होगा मून रसिया ,चाइना।
जहां बसने से पहले सीमा विवाद।
वहां बेकार है रहना ,
वहां बेकार है रहना।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar ✍
यह पोस्ट यही पर खत्म होता है. यह कविता
आपको कैसी लगी हमको कमेंट करके जरुर
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अपना बहमूल्य समय देने के लिए,धन्यवाद।
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