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Saturday, January 5, 2019

।। आया ऋतुराज बसंत।।


  ।। आया ऋतुराज बसंत।।

flower 







आया ऋतुराज बसंत,
हुआ पतझड़ का अंत।
डाली पर नई-नई कोपलें ,
हर  ओर  फुल  खिलंत ।
         आया ऋतुराज बसंत,
         आया ऋतुराज बसंत,


इतराए तितली फूलों पर,
पंछी   किलोल  करंत ।
कौवा भी बैठ के डाली पर,
अपना लोल आफ करंत ।
        आया ऋतुराज बसंत,
        आया ऋतुराज बसंत,  
अमूआं की डाली मजरा है
और  सारे खजूर फुलंत ।
कोयल कुके घड़ी घड़ी,
डाली पर लुक्खी कुदकंत ।
         आया ऋतुराज बसंत,
         आया ऋतुराज बसंत,
    
आठ दस दिन से कौवा का,
है  चाल  चलन  बिगरंत ।
पीके  खजूर  का  तारी ,
गटारी  मैंना  को  छेरंत ।
         आया ऋतुराज बसंत,
         आया ऋतुराज बसंत,

 
मधुमक्खियों की भिन-भिन,
भंवरा  घून  घुन  गावंत।
फूलों  की  क्यारी  में,
तितली  के साथ फिरंत।
         आया ऋतुराज बसंत,
         आया ऋतुराज बसंत,

उल्लू देखें टुकुर-टुकुर,
कठफोड़वा देख मगंत,
पेड़ के डाली से लटक के,
बंदर झूला झूलंत ।
          आया ऋतुराज बसंत,
          आया ऋतुराज बसंत,
       
          Thanks for reading 📝
                       Ashok Kumar
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