। तितली मतवाली ।।
ऐ तितली मतवाली,
तु फिरती
है डाली डाली।
कितना
सुन्दर है पर तेरा
,
कई रंग बिंरगों वाली
।
सारा दिन उड़ती फिरती है,
फूलों की क्यारी -क्यारी ।
जिस फूल पर तुम बैठे,
सज उठती है डाली-डाली ।
इन्हें भी पढ़िये :-
- क्यों
नहीं आती मेरे घर
- दिल
करता है मेरा मैं
- माँ
तू भगवान के हाथों
की
- लकड़ी
चोर मुर्दा
- आज वर्षो बाद फिर ।शहर में दंगा भरका है ।।
तेरे रंग बिरंगी पर को देख ,
दिल वहलाए सारे माली ।
तू न जिस दनि दिखे तो ,
बाग लगता है खाली-खाली
कभी यहां तो कभी वहां,
दिल चाहे जहां उड़ जाती है।
इसीलिए प्राकृतिक मां भी ,
तुमसे दिल बहलाती है
Thanks
for reading 📝
Ashok
kumar ✍
No comments:
Post a Comment