तितली कहाँ से तू आई ,
कहाँ पे तू रहती है।
क्या वहाँ सभी तितली के,
पर तेरे जैसी है
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कौन सँवारती है तुम्हें ,
या खुद ही सजती है ।
कैसे सुन्दर सुन्दर रंग ,
अपने पर में भरती है ।
अपने सुन्दर पर लेकर ,
जहाँ जिधर भी जाती है ।
तेरे रंग बिरंगी पर को देख,
सब तितली परी बुलाती है
तितली कहाँ से तुम आई ,
कहाँ पे तू रहती है ।
क्या वहाँ सभी तितली के ,
पर तेरे जैसी है ।
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Ashok Kumar
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