नन्ही कविता
।। नन्ही बिटिया ।।
बिटिया
क्या दुखी हो किसी बात पर ।।
मैं नन्ही मेरा हाथ भी नन्हा ।
पहुँचता नहीं है तेरे आँख तक ।।
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माँ
कुछ लोग की बात से बिटिया ।
आँख मेरा नम हुआ है ।।
सब कहते हैं कि फिर मैंने ।
बेटी को जन्म दिया है ।।
बिटिया
तुम देना उँगली अपनी ।
मैं खुद खड़ी हो लूँगी ।।
चलना सिखूँगी जिस दिन ।
किसी पर बोझ नहीं बनूँगी ।।
किसी पर बोझ नहीं बनूँगी ।।
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Ashok
Kumar.
आप नन्ही बिटिया के बातों से सहमत है
तो अपनी नन्ही बिटिया को देश हर बिटिया
तक पहुँचने के लिए
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