चिड़याँ का बच्चा पूछ रहा था ।
अपनी चिड़याँ माँ से ।।
क्या हम सबको भी अब ।
जाना पड़ेगा यहाँ से ।।
ऐसे लोग पेड़ काट रहे हैं ।
हम सब उजड़ जाएंगे ।।
क्या माँ कुछ दिन के बाद ।
हम सब भी मर जाएंगे ।।
हम जब बड़े होंगे तब ।
घोंसला कहाँ बनाएंगे ।।
किस पर बैठेंगे हम अब ।
कहाँ पर हम रात रहेेंगे ।।
क्या हम आसमां में ही ।
अब हरदम उड़ते रहेंगे ।।
तपती धरती होगी हर जगह ।
पानी भी नहीं बरसेंगे ।।
पेड़ की टहनी और छाया के लिए ।
सभी पंछी अब तरसेंगे ।।
वहाँ बसाएंगे अपनी दुनिया ।
ऐसी धरती पर जगह तलाश करें ।।
इन्हें भी पढ़िये :-
छोड़ो इन इंसानों को माँ ।
हम भी कूछ प्रयास करें ।।
हम भी कुछ प्रयास करें ।।
Thanks for reading. 📝
हम भी कुछ प्रयास करें ।।
Thanks for reading. 📝
Ashok kumar
यह पोस्ट यही पर खत्म होता है. यह कविता
आपको कैसी लगी हमको कमेंट करके जरुर
बताए और इस आर्टिकल को सोशल मीडिया
पर शेयर करना और फॉलो ना भूले 🙂
अपना बहमूल्य समय देने के धन्यवाद।
No comments:
Post a Comment