।। गौरैया ।।
आ जाओ गौरैया रानी ।
मेरे घर फिर से गाने को .।।
कूदक -कूदक कर ।
फुदक- फुदक कर ।।
इधर -उधर चह चाने को ।।
इन्हें भी पढ़िये :-
सूरज निकलने से पहले ।
रोज ही तुम उठ जाती थी ।।
दीवार या बिजली के तार पे ।
बैठ के शोर मचाती थी ।।
मेरी माँ को फिर से ।
तुम छ्त पे सताने को ।।
फुदक-फुदक कूदक के ।
फिर से तिसी खाने को ।।
इन्हें भी पढ़िये :-
माँ कहती है गौरेया ।
हर घर की खुशहाली है ।।
अगर ये बात सच है तो ।
तु कब आने बाली है ।।
गौरैया दिवस को समर्पित
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Ashok Kumar
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