रंग बिरंगी काली पीली,
मछ्ली पानी में तैर रही है ।
पानी में इठलाती हुई सब,
पानी के संग बह रही है ।
पानी में गिरा दाने को,
खाने सभी भाग के जाती हैं ।
मिल के सभी रहती साथ साथ ,
खाना झगड़ के खाती है।
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बिरंगी काली पीली, मछ्ली
पानी में तैर रही
है ।
दिन हो या काली रात,
रहती है सभी साथ में ।
कभी नहीं बिछड़ती है ये ,
बाढ़ और बरसात में ।
अपने से बड़ी मछली से,
सभी खुद को बचाती हैं।
खतरे की आहट पाते ही,
सभी एक जगह हो जाती है।
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Ashok
Kumar ✍
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