।। वर्दी पहना है हमने ।।
वर्दी पहना हमने उस दिन के लिए,
एक दिन बदन तो जल जाएगा।
अगर देश पे अपने हम मर मिटे,
यह तिरंगा कफन के काम आएगा।
वर्दी पहना हमने उस दिन के लिए,
एक दिन बदन तो जल जाएगा।
अगर मरना ही पड़ा तो,
दुश्मन को भी मार जाएंगे।
तब देश पर मरने का कोइ
मौका हम नहीं गवाएंगे।
अगर देश पे अपने हम मर मिटे,
यह तिरंगा कफन के काम आएगा।
लहू से होके लथपथ,
जब
हदों पर हम गिरेंगे ।
होंगे यारों के
कंधे पर,
हम
लिपटे हaगे तिरंगे में ।
अगर देश पे अपने हम मर मिटे,
यह तिरंगा कफन के काम आएगा।
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वर्दी पहना हमने उस
दिन के लिए,
एक
दिन बदन तो जल जाएगा।
अगर
देश पे अपने हम मर मिटे,
यह
तिरंगा कफन के काम आएगा।
अगर देश पे अपने हम मर मिटे,
यह तिरंगा कफन के काम आएगा।
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Ashok Kumar ✍
यह पोस्ट यही पर खत्म होता है. यह कविता
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