।। मगर ऐसा कभी देखा है ।।
देखा तो होगा तुमने बहुत,
मगर ऐसा कभी देखा
है।
देखो मेरे हाथ पर आकर ,
चार चार तितली बैठा है।
कई रंग बिरनगो वाली,
तुम
सभी का
पर है।
जंगल
झाड़ी में रहकर तुम,
दिखती कितनी सुंदर है।
आज हम सब सारा
दिन,
साथ साथ रहेंगे।
जी भर के हम तुम्हें
देखेंगे,
और ढेरों बात करेंगे ।
इन्हें भी पढ़िये :-
क्यों न दिखे सुंदर तुम,
सारा
दिन उड़ती रहती है।
हर
समय तुम प्राकृतिक के,
संपर्क
:में जो रहती हो ।
Thanks for reading 📝
Ashok Kumar ✍
यह पोस्ट यही पर खत्म होता है. यह कविता
आपको कैसी लगी हमको कमेंट करके जरुर
बताए और इस आर्टिकल को सोशल मीडिया
पर शेयर करना और फॉलो ना भूले 🙂
अपना बहमूल्य समय देने के धन्यवाद।
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