।। याद आया अपना बचपन ।।
।। याद आया अपना बचपन ।।
याद आया अपना बचपन,
वो सुबह सुबह नहाने का ।
नित्य दिन
नए-नए बहाने ,
और स्कूल ना जाने का ।
इन्हें भी पढ़िये :
मम्मी किचन में डॉट डॉट के,
गर्म
दूध पराठे खिलाने का ।
रोते-
रोते बैग
पकड़ के ,
और
स्कूल लेके जाने का ।
शाम को पापा को मम्मी,
सारी बात बतलाने का ।
क्यों नहीं तुम स्कूल जाते ,
पापा से डांट खाने का ।
इन्हें भी पढ़िये :-
देर
से उठना घंटों नहाना,
देर से खाना खाते थे ।
कभी सर में दर्द कभी
,
पेट
दर्द का बहाना बनाते थे।
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Ashok Kumar ✍
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