।। कहाँ गई वो ।।
कहाँ गई वो चिड़ियाँ जो ।
मेरे घर आया करती थी ।।
सुबह-शाम मेरे घर आँगन।
में चह चाया करती थी।।
हम जब सोए रहते थे ।
सुबह हमें जगाया करती थी।।
फुदक-फुदक कर ।
कूदक-कूदक कर ।
खुशी जताया करती थी ।।
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खाके चावल के टुकड़े ।
पानी पी जाया करती थी ।।
मेरे घर में वो पेड़ नही ।
जिस पर वो बैठा करती थी ।।
उड़-उड़ कर बच्चों के लिए ।
खाना वो लाया करती थी ।।
कहाँ गई वो चिड़ियाँ जो ।
मेरे घर आया करती थी ।।
मेरे घर आया करती थी ।।
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Ashok Kumar
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